भूटान में हुये भारत पाक संवाद के परिप्रेक्ष्य में
प्रो.सी.बी.श्रीवास्तव "विदग्ध "
ओ बी ११ , विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
मो ९४२५८०६२५२
आये दिन काश्मीर में बारूद का उठता धँआ
मेल मिल्लत का हरेक संदेश होता अनसुना
हम निभाते आये सारे आदमियत के वायदे
पर पड़ोसी उलझने का खोजता रहता खुआ
कैसे हो कोई सुलह की बात इन हालात में ?
केसरों की क्यारियों में हर कदम बिखरे हैं बम
दुश्मनी की भावना उनकी न हो पाई है कम
जब जहाँ नेता मिले , मिले हाथ , कुछ बातें हुईं
पर किये गये वायदों पर कब उठाये गये कदम ?
कैसे हो विश्वास हमको उनकी ऐसी बात में ?
हो रही मुठभेड़ अब भी वायदों के बाद भी
मस्जिदें दरगाहें अब तक हैं पड़ी बरबाद ही
सरहदों को तोड़ घुस आते नये घुसपैठिये
मन न मिल पायें तो झूठे हैं बड़े संवाद भी
बदलते कब किसी के भी मन कभी एक रात में ?
पिछले अनुभव सामने हैं लंबी लंबी बात के
घाव रिसते आज भी हैं किये गये आघात के
भेद भारी है वहाँ आवाम औ" सरकार में
दिख रहे आसार नई जनक्रांति के उत्पात के
दिखावा ज्यादा सचाई कम है हर अनुपात में
हाथ अब तक क्या लगा वर्षों के वाद विवाद में
समझ आते भाव मन के साफ हर संवाद में
जवानों ने जान देकर खून से सींचा वतन
स्नेह का विश्वास कैसे जगे अब जल्लाद में ?
क्या पता घटनायें क्या हों आ रही बरसात में ?
कवि सुप्रसिद्ध गीतकार ,अनुवादक , शिक्षाविद , अर्थशास्त्री व समाजसेवी हैं . वतन को नमन , अनुगुंजन , ईशाराधन , आदि कृतियां पुस्तकाकार प्रकाशित व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हैं
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