भारत माँ
प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव
ओ.बी. 11, एमपीईबी रामपुर, जबलपुर
मो.9425806252
स्नेह की प्रतिमा सुहानी हमारी भारत है माँ
दुनियाँ मे दिखता न कोई दूसरा ऐसा यहाँ
भाल है काश्मीर जिस पर हिम किरीट ताज है
है हिमाचल चन्द्रमुख जिसका सुखद भूभाग है
दिल है दिल्ली, यू पी राजस्थान हैं वक्षस्थली
कुरूक्षेत्र जहाँ पै" जन्मी गीता वह पुण्य स्थली
गंगा यमुना सरस्वती जिसके गले का हार है
करधनी सी नर्मदा औ" ताप्ती की धार है
बिहार छत्तीसगढ महाराष्ट्र कहते रामायण कथा
आंध्र कर्नाटक तमिलनाडु बताते मन की व्यथा
हरा केरल भरा गुजरात असम और पूर्वाचंल
अंग बंग औ" उडीसा लहराते सुदंर वनांचल
कृष्णा कावेरी हैं नुपुर ,चरण धोता है जलधि
सुनहरी पूरब क्षितीज है पश्चिम में नीला उदधि
हिमालय सा उच्च पर्वत गंगा सी पावन नदी
राम कृष्ण की मातृ भू यह सदा सुख साधन भरी
आज भी आध्यात्म में ऊंचा इसी का नाम है
प्राकृतिक सौंदर्य सुख भंडार सब अभिराम है
जन्म पाने को तरसते देवता सब भी जहाँ
वह अनोखी इस जगत में एक ही भारत है माँ।
1 टिप्पणी:
सुंदर प्रस्तुति । भारत माँ का सम्पूर्ण व अद्भुत चित्रण । कभी ब्लाग शिवमेवम् सकलम् जगत् पर अवश्य पधारें । प्रतीक्षा रहेगी ।
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