मंगलवार, 16 अक्टूबर 2007

हम सबकी माँ भारत माता


हिमगिरि शोभित सागर सेवितसुखदा गुणमय गरिमा वालीसस्य श्यामला शांति दायिनीपरम विशाला वैभवशाली ॥प्राकृत पावन पुण्य पुरातनसतत नीती नय नेह प्रकाशिनिसत्य बन्धुता समता करुणास्वतंत्रता शुचिता अभिलाषिणि ॥ग्यानमयी युग बोध दायिनीबहु भाषा भाषिणि सन्मानीहम सबकी माँ भारत मातासुसंस्कार दायिनि कल्यानी ॥

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