भगवान कृपा कीजे यह विश्व शंाति पाये 
    प्रो सी बी श्रीवास्तव
    सी ६ विद्युत मण्डल कालोनी 
    रामपुर जबलपुर
भगवान कृपा कीजै . यह विश्व शंाति पाये ।
बढी लोभ की लपट में यह जग झुलस न जाये ।।
नई होड बढ चली हैं हर रोज जिंदगी में
लगता है लोक को भी दिखती खुशी इसी में
पर देख पाती कम है लालच भरी निगाहें
ऐसा न हो अधूरा सपना ही टूट जाये।।1।।
हंसते हुए चेहरो के मन में भी उदासी है 
सब पा के भी पाने की इच्छा अभी प्यासी है।
आक्रोश भर रहा है संतोष मर रहा है
इस लू भरी हवा में बगिया उजड न जाये ।।2।।
है घेर रखी सबने कॉटो से अपनी बाडी
गडती है नजरो मे पर औरों की चलती गाडी।
हिल मिल न रह सके तो कब तक चलेगा ऐसे 
भगवान ज्योति दो वह जो रास्ता दिखाये।।3।।
सपने सजा सुनहरे सदियों से हर चुकी है
संकट की मार दुनियॉ ये खूब सह चुकी है।।
फिर भी उबर न पाई कमजोरीयो से अपनी 
हे नाथ ! ज्ञान दीजै खुद को समझ तो पाये ।।4।।
 
 
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