संसद के केंद्रीय हाल में अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा के भाषण पर ...
प्रो. सी. बी . श्रीवास्तव "विदग्ध"
OB 11 , MPSEB , Rampur , Jabalpur
सचाई का रंग स्वतः संवाद में सब झलकता है
मनोभावों का सरोवर भर के बाहर छलकता है
परिस्थितियां जगाती नये सोच , नईधारणायें
उन्हीं से मन को सदा मिलती अनेकों प्रेरणायें
अमेरिका के राष्ट्रपति जो कहा भाषण में अपने
वे थीं उनके मन की बातें साफ उनके मन के सपने
खोल के रख दी उन्होंने उनके मन की भावनायें
कि भारत औ" अमेरिका कदम मिलकर अब बढ़ायें
मिल कर दो जनतंत्र जग को दे सकेंगे नई दिशायें
जिससे दुनियां पा सकेगी, विश्व जनहित नई राहें
परस्पर हित के संग संग जग का कल्याण होगा
ज्ञान औ" तकनीक की नववृद्धि , नव वरदान होगा
हल सरल हो जायेंगे उनके जो हैं नई समस्यायें
अवतरित हो सकेगा युग नया मिटा सारी निराशायें
पूर्व पश्चिम का मिलन होगा सभी को लाभकारी
भारत अमेरिका बनायें जो "अणु" को कल्याणकारी
कृषि में , पर्यावरण में , व्यापार में संवृद्धि होगी
स्वस्थ्य , शिक्षा , आर्थिक क्षेत्रों में भी अभिवृद्धि होगी
होगी दुनियां शांति सुखमय नया यह संसार होगा
गरीबो की बस्तियों से दूर जब ांधियार होगा
विचारों और कर्म में सबके , जो हो ईमानदारी
तो सुनिश्चित स्वर्ग से सुखकर बने धरती हमारी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें