मंगलवार, 19 अक्टूबर 2010

मन की सुनो प्रार्थना

मन की सुनो प्रार्थना


प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव ‘विदग्ध‘
ओ.बी. 11 एम.पी.ई.बी. कालोनी, रामपुर, जबलपुर म.प्र
मो ९४२५४८४४५२


इस मन की सुनो प्रार्थना भगवान हमारे
आये हैं लिये आश बड़ी द्वार तुम्हारे

सागर में है तूफान है मझधार में नैया
कोई न सिवा नाथ , तुम्हारे है खिवैया
जो देख रहे उनकी बड़ी भीड़ लगी है
पर हमसे ही मजबूर , खड़े वे भी किनारे
इस मन की सुनो प्रार्थना भगवान हमारे


भँवरों में फंसी डोल, डगमगा रही नैया
जग नाच रहा , तुम्हीं हो इस जग के नचैया
दुनियां में कही कोई भी दिखता नहीं अपना
हम भाग्य के मारों के तुम्हीं नाथ सहारे
इस मन की सुनो प्रार्थना भगवान हमारे

हर दीन दुखी की प्रभु ! तुम लाज बचैया
रक्षक सकल संसार के तुम कृष्ण कन्हैया
सुख के सभी साथी हैं , पै दुख में नहीं कोई
संकट की घड़ी में गये तुमसे उबारे
इस मन की सुनो प्रार्थना भगवान हमारे

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