शनिवार, 23 अक्टूबर 2010

बदल दिया है नव विकास ने मेरे भारत देश को

बदल दिया है नव विकास ने मेरे भारत देश को

प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव विदग्ध‘
ओ.बी. 11, एमपीईबी कालोनी रामपुर, जबलपुर
मो. 9425806252



बदल दिया है नव विकास ने मेरे भारत देश को
लोगो के मन को शहरों को तथा ग्राम्य परिवेश को,
साफ प्रभाव दिखाई देता, गांव, खेत, खलिहान पर
झटक दिया लोगो ने सात्विक सामाजिक आवेश को

सिर्फ बाहरी रूप न बदला मन में भी बदलाव है
आत्मयिता घटी, रिश्तो में अब न रहा लगाव है
कमी आ गई परिवारों में , आपस के संवाद में
सुनती नहीं नई पीढ़ी अब, वृद्धो के आदेश को।

बढ़ तो रहा देश तकनीकी शिक्षा के अवदान से
पर संस्कारहीन से शिक्षित है झूठे अभिमान से
हवा पश्चिमी उड़ा ले गई मधुर भारतीय भावना
डिग्री ले नवयुवक भागते सर्विस को परदेश को

बूढ़े मात पिता है घर में पर उनकी परवाह नहीं
सिर्फ कमाने धन विदेश जाने की मन में चाह रही
समस्यायें कई बढ़ती जाती नई नई परिवारों में
ध्यान नहीं सुनने रामायाण गीता के संदेश को

ग्रामीणों से दूर हो गये जंगल नदी पहाड़ है
पेड़ कटे सब चित्रकूट दण्डक वन हुये उजाड है
विवश ग्राम्य जन दुखी छोड घर, निकल चले है गांव से
क्योंकि उन्हें हल करना रोटी के बढ़ रहे कलेश को

नये परिवर्तन की आंधी से घर सब चकनाचूर है
राम राज्य के सपने सबसे अब भी कोसों दूर है
मन में धार्मिक मान्यताओं का घटा बहुत सम्मान है
दया, दान , सेवा के बदले लालच बढ़ा विशेष है।


प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव ‘विदग्ध‘

2 टिप्‍पणियां:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

सत्य पर भी क्या टिप्पणी की जाये.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

बहुत अच्छा।...प्रेणा देने वाला गीत। गीत का छंद और शब्द संयोजन बहुत ही सुंदर बन पड़ा है।